धराली में लापता लोगों की तलाश में सर्च अभियान आज भी जारी है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना समेत कई टीमें सर्च अभियान में जुटी हैं। धराली में आई आपदा के 10 दिन बाद भी गांव में चुनौतियां बरकरार हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों तक जरूरी सामान पहुंचाने में भारी मुश्किलें आ रही हैं। मुखबा-धराली को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण मजदूर अपनी जान जोखिम में डालकर भागीरथी नदी के बीच से रस्सी के सहारे रसोई गैस सिलिंडर और अन्य सामग्री पहुंचा रहे हैं।
शुक्रवार को आपदा प्रभावित क्षेत्र से गंभीर रूप से बीमार दो मरीजों एवं एक गर्भवती महिला को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी भेजा गया। जसपुर गांव की 75 वर्षीय प्रतिमा देवी लंबे समय से सांस की बीमारी से पीड़ित हैं। वहीं, 61 वर्षीय बुज़ुर्ग महिला चंद्रबाला पेट संबंधी गंभीर समस्या से जूझ रही हैं। दोनों की तबीयत अचानक बिगड़ने पर प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें हर्षिल हेलीपैड तक लाकर हवाई सेवा से जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी भेजा गया। जसपुर गांव की तीन माह की गर्भवती महिला निर्मला देवी को अचानक पेट में तेज़ दर्द की शिकायत हुई। हर्षिल में प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें भी हेलीकॉप्टर के माध्यम से जिला अस्पताल भेजा गया।
वहीं, हर्षिल में बनी करीब डेढ़ किमी लंबी झील ने अब बड़े दलदल का रूप ले लिया है। भागीरथी नदी में ऊपरी क्षेत्रों से बहकर आ रही गाद इसमें लगातार एकत्रित होने के कारण वहां पर कई टन मलबा जमा हो गया है। ऐसे में मशीनों से काम करने में परेशानी हो रही है।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बृहस्पतिवार को हर्षिल क्षेत्र में हाल ही में बनी अस्थायी झील का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया। उन्होंने कहा कि झील के मुहाने से वर्तमान में जल का प्रवाह सुचारू रूप से हो रहा है। इससे तात्कालिक रूप से किसी बड़े खतरे की आशंका नहीं है। हालांकि नदी के किनारे में बहाव को अवरोध उत्पन्न कर रहे मलबे को हटाने की दिशा में युद्धस्तर पर मैनुअल रूप से कार्य किया जा रहा है।
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